हिंद में शहीदों के सुल्तान व इमाम, सुल्ताना-उल शोहदा हज़रत सय्यद सालार-ऐ मस्ऊ’द ग़ाज़ी, ग़ाज़ी-ऐ हिंद रदि अल्लाहु ताला अन्हु।🌹
हिंद में शहीदों के सुल्तान व इमाम, सुल्ताना-उल शोहदा हज़रत सय्यद सालार-ऐ मस्ऊ’द ग़ाज़ी, ग़ाज़ी-ऐ हिंद रदि अल्लाहु ताला अन्हु।🌹 हुए पैदा जो ग़ाज़ी मस्ऊ’द ज़ुल्मत-ए-जेहल हो गई काफ़ूर अकबर ‘वारसी’ ये है इल्हाम लिख विलादत का साल मत्ला-ए’-नूर रहमत के फूल दीन में इस्लाम के खिले पैदा हुए जो सय्यिद-ए-सालार नेक-फ़ाम अकबर तमाम ख़ल्क़ है उनकी तरफ़ रुजूअ’ साल-ए-विलादत उनका लिखो मरजा’-ए-अनाम हुआ रौशन जो तालि-ए’-मसऊद जगमगाते हैं दीन और दुनिया सन विलादत का ये लिखो ‘अकबर’ दीन-ओ-दुनिया के का’बा-ओ-क़िब्ला सालार ग़ाज़ी दर चमन-ए-ख़ुल्द चूँ रसीद ग़िलमान-ओ-हूर रा शुदः इमरोज़ रोज़-ए-ई’द ‘अकबर’ ब-फ़िक्र बूद कि हातिफ़ ज़े-ग़ैब गुफ़्त तारीख़-ए-इंतिक़ाल,वली-ए-जहाँ शहीद हज़रत-ए-मस्ऊ’द ग़ाज़ी की शहादत का कमाल जब हुआ मक़्बूल-ए-हक़ आई निदा-ए-ज़ुल-जलाल है ये ज़िंदा इस से हम राज़ी हैं ‘अकबर’ वारसी लिख दो , बल अह्याउ इं-’द रब्बिहिम, रिहलत का साल क़ित्आ’त-ए-तारीख़-ए-विलादत अज़ अकबर ‘वारसी’ ख़्वाजा अकबर वारसी मेरठी ने क़ित्आ’-ए-तारीख़-ए-शहादत लिखा है। हिंद में शहीदों के सुल्तान व इमाम, सुल्ताना-उल शोहद...